تَبَّتْ يَدَا أَبِي لَهَبٍ وَتَبَّ (1)

अबु लहब के हाथ टूट जाएँ और वह ख़ुद सत्यानास हो जाए

مَا أَغْنَىٰ عَنْهُ مَالُهُ وَمَا كَسَبَ (2)

(आख़िर) न उसका माल ही उसके हाथ आया और (न) उसने कमाया

سَيَصْلَىٰ نَارًا ذَاتَ لَهَبٍ (3)

वह बहुत भड़कती हुई आग में दाख़िल होगा

وَامْرَأَتُهُ حَمَّالَةَ الْحَطَبِ (4)

और उसकी जोरू भी जो सर पर ईंधन उठाए फिरती है

فِي جِيدِهَا حَبْلٌ مِنْ مَسَدٍ (5)

और उसके गले में बटी हुई रस्सी बँधी है