أَلَمْ تَرَ كَيْفَ فَعَلَ رَبُّكَ بِأَصْحَابِ الْفِيلِ (1)

क्या तुमने देखा नहीं कि तुम्हारे रब ने हाथीवालों के साथ कैसा बरताव किया?

أَلَمْ يَجْعَلْ كَيْدَهُمْ فِي تَضْلِيلٍ (2)

क्या उसने उनकी चाल को अकारथ नहीं कर दिया?

وَأَرْسَلَ عَلَيْهِمْ طَيْرًا أَبَابِيلَ (3)

और उनपर नियुक्त होने को झुंड के झुंड पक्षी भेजे,

تَرْمِيهِمْ بِحِجَارَةٍ مِنْ سِجِّيلٍ (4)

उनपर कंकरीले पत्थर मार रहे थे

فَجَعَلَهُمْ كَعَصْفٍ مَأْكُولٍ (5)

अन्ततः उन्हें ऐसा कर दिया, जैसे खाने का भूसा हो