إِنَّا أَعْطَيْنَاكَ الْكَوْثَرَ (1)

निश्चय ही हमने तुम्हें कौसर प्रदान किया,

فَصَلِّ لِرَبِّكَ وَانْحَرْ (2)

अतः तुम अपने रब ही के लिए नमाज़ पढ़ो और (उसी के दिन) क़़ुरबानी करो

إِنَّ شَانِئَكَ هُوَ الْأَبْتَرُ (3)

निस्संदेह तुम्हारा जो वैरी है वही जड़कटा है